गुलों के रंग सितारों की रौशनी
फिल्म: सलाम-ए-मोहोबत (1983) संगीतकार: उषा खन्ना
गीतकार: गौहर कानपुरी/निदा फाजली गायक: मो. रफ़ी
गुलों के रंग सितारों
की रौशनी दे दूं
जो तुम कहो तो तुम्हें
अपनी शायरी दे दूं
ये आइना तुम्हें क्या
देगा मेरे पास आओ -2
बदन को लोच अदाओं को
दिलकशी दे दूं -2
तुम्हारी जुल्फों की
रातें बहुत अँधेरी हैं -2
चले भी आओ मोहोब्बत की
चांदनी दे दूं -2
तुम्हारे रेशमी आँचल
में टांक दूं मौसम -2
चमन के सारे नज़ारों की
ताज़गी दे दूं -2
कुछ और तो नहीं मेरे, ग़रीबदामन में -2
अगर क़ुबूल करो अपनी ज़िन्दगी
दे दूं -2
sargam of this ghazal is available.
If possible, please correct "कुछ और तो नहीं मेरे, ग़रीबदामन में"
ReplyDeleteसंशोधन सुझाने हेतु धन्यवाद. संशोधन कर दिया है.
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